राजीव कुमार। अगले वित्त वर्ष (2020-21) की शुरुआत से विदेश यात्रा का पैकेज लेने पर पांच फीसद टैक्स देना होगा। नए नियमों के मुताबिक पैकेज की कुल राशि का पांच फीसद टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) के तहत अलग से देना होगा। पैकेज लेने वाले व्यक्ति के पास अगर पैन कार्ड नहीं है तो उसे पैकेज की राशि का 10 फीसद टीसीएस के रूप में देना होगा।हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था देश में 1.5 करोड़ लोग सरकार को टैक्स देते है जबकि तीन करोड़ लोग साल में विदेश भ्रमण करते हैं।
पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में पांच करोड़ भारतीयों के विदेश यात्रा पर जाने का अनुमान है। ऐसे में नई कवायद विदेश यात्रा के नाम पर कालेधन के इस्तेमाल पर निगरानी के लिए है। अधिकारियों के मुताबिक साल में कई बार विदेश यात्रा करने के बाद भी लोग सरकार को अपनी यात्रओं के बारे में जानकारी नहीं देते। अब विदेश यात्रा करने वाला हर शख्स सरकार की रडार पर होगा।
एक टैक्स विशेषज्ञ ने बताया कि मान लीजिए आपका पैकेज एक लाख रुपये का है तो पैकेज देने वाली कंपनी आपसे पांच हजार रुपये अलग से टीसीएस के नाम पर लेगी जो सरकार के खाते में जमा हो जाएगा। सीए राज चावला ने बताया कि इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करने के दौरान टीसीएस देने वाला व्यक्ति उस राशि को क्लेम कर सकता है। लेकिन इसके लिए उसे अपने आइटीआर में विदेश यात्रा का जिक्र करना होगा।
सरकार को अपनी आय कम दिखाने वाले लोग अमूमन अपने आइटीआर में विदेश यात्रा का जिक्र करने से बचते है। चावला ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति विदेश जाने के लिए खुद टिकट लेता है और अपना इंतजाम खुद करता है तो उसे टीसीएस नहीं देना होगा। उन्होंने बताया कि टीसीएस कटते ही इनकम टैक्स विभाग के पास इस बात का अलर्ट चला जाएगा।
सीए प्रवीण शर्मा के मुताबिक सरकार के इस फैसले से स्पांसरशिप के तहत सरकारी एवं निजी कंपनियों के अधिकारी भी विदेश यात्रा करने से बचेंगे। क्योंकि उन्हें अपने खाते से टीसीएस देना होगा, भले ही उनके कुल पैकेज का भुगतान कोई और कर रहा हो।